Lucknow: चंहुमुखी विकास के दावे कागजी हो रहे साबित
संवाददाता - जयदीप सिंह
परसपुर गोण्डा-
महज सड़कों पे गड्ढे हैं न बिजली है न पानी है
हमारे शहर गोण्डा की फिज़ा कितनी सुहानी है
दादा अदम की ये पंक्तियां तब से अब तक अक्षरसः प्रभावी हैं गोण्डा जनपद खासकर कर्नलगंज तहसील व विधानसभा की सड़कें जो कि जनपद के विकास की कहानियां चरितार्थ कर रही हैं।
कर्नलगंज विधानसभा के एकमात्र पौराणिक स्थल सूकरखेत को ब्लाक,तहसील अथवा जिला मुख्यालय से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है।
इसी मार्ग से प्रसिद्ध कल्पवासीय तीर्थ सूकरखेत पसका, अति प्राचीनतम ऐतिहासिक शक्तिपीठ माँ बाराही मन्दिर, गोस्वामी तुलसीदास जी की जन्मस्थली सूकरखेत राजापुर, व गुरू नरहरिदास जी की कुटिया ये सभी पौराणिक स्थल जुड़े हुए हैं।
जहाँ क्षेत्रीय व स्थानीय लोगों के अतिरिक्त दूर सुदूर से श्रद्धालुओं का आना जाना हमेशा लगा रहता है प्रति दिन कई हजार की संख्या में लोगों के आवागमन का यह मुख्य मार्ग अपनी दुर्दशा पर आँसू बहा रहा है।
सड़क से सीधे जुड़ी हुई ग्राम पंचायतें पसका, नन्दौर, सकरौर, दुरौनी, पूरे लाली, परसपुर व अन्य ग्राम पंचायतें जिनको कि ब्लाक, तहसील, जिला मुख्यालय से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग यही है वो हैं राजापुर, बनुवा, खैरा, मरचौर,चन्दापुर किटौली।
यह स्थिति तब है जब कि केन्द्र व राज्य दोनों सरकारें चहुंमुखी विकास का दावा बड़े जोर शोर से कर रही हैं लेकिन शायद कर्नलगंज विधानसभा उस विकास वाले नक्शे का हिस्सा बनने की वांछनीयता नहीं पूरी कर पा रही है।
यहाँ वोट भले ही लोकतंत्र के स्वप्न दिखाकर लिए जाते हैं लेकिन व्यवस्था पूर्णरूपेण राजतांत्रिक है।एक ऐसा राजतंत्र जहाँ राजा अपनी प्रजा के सुख दुख से दूर कुछ चाटुकार दरबारियों के दिखाए हसीन ख्वाबों में मस्त है और यही दरबारी समय समय पर जय जयकार कर के राजा को वास्तविकता से दूर किए हुए हैं।अधिकारी कर्मचारी भी इसी व्यवस्था का लाभ उठाकर अपनी जिम्मेदारियों से दूर मस्ती से भरपूर टाईम पास कर रहे हैं।