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छीन गई गरीबो का चीनी एवं केरोशिन -संवाददाता इसरफिल की रिपोर्ट


Lucknow:

संवाददाता स्वतंत्र प्रभात देश की जनता को सस्ते दाम पर खाना पानी कपड़ा उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व बनता है।इसी उद्देश्य से सरकार एक लम्बे अरसे देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अब तक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों के लिए सस्ते दाम राशन शकर व किरोसिन तेल उपलब्ध करा रही है।सार्वजनिक प्रणाली के तहत अब तक गरीबों को गाँव गाँव खुली उचित दर विक्रेता की दूकानों के माध्यम से किया जा रहा है।किसी भी सरकार ने अब तक गरीबों के इस हक डाका डालकर कटौती नहीं किया है।सरकार भले ही विकास की बुलंदियों पर पहुंच गई हो लेकिन सभी जनता को आज तक किरोसिन उपलब्ध नही करा सकी।किरोसिन वितरण में प्रथम आवक प्रथम पावक व्यवस्था लागू थी।किरोसिन सभी वर्गों को मिलता था क्योंकि इसकी जरूरत हर अमीर गरीब आदमी को पड़ती थी।सरकार भले ही अभियान चलाकर सभी गांवों को बिजली पहुंचा रही हो लेकिन चौबिस घंटे बिजली अब तक उपलब्ध नही है। अभी भी तमाम गाँव ऐसे हैं जहाँ पर अभी भी बिजली उपलब्ध नही है।आज भी हर गरीब आदमी को घर की ड्यौढ़ी पर शाम पर चिराग जलाना पड़ता है।सरकार प्रथम आवक प्रथम पावक व्यवस्था का विस्तार करके देश किरोसिन उपलब्ध नहीं करा सकी है उल्टे किरोसिन में कटौती करना शुरू कर दिया है।किरोसिन तेल के मूल्यों में लगातार वृद्धि हो रही है।वर्तमान समय में दस पन्द्रह रुपये लीटर मिलने वाला किरोसिन मोदी राज में पच्चीस रूपये लीटर पहुंच गया और लगातार मूल्य बढ़ता ही जा रहा है।इतना ही सरकार भविष्य में किरोसिन वितरण व्यवस्था को बंद करने पर विचार कर रही है।किरोसिन तेल कटौती होने से हाहाकार मच गया है और लोग सरकार की नियत पर अँगुली उठाने लगे हैं।इसी तरह अब सरकार गरीबों का मुंह मीठा कराने के लिए सस्ते मूल्य पर शकर उपलब्ध करा रही थी जिससे हर गरीब आदमी को दैनिक उपयोग के लिए दो किलो शकर सस्ते दाम में मिल जाती थी तथा त्यौहारों पर अतिरिक्त शकर देकर गरीबों के त्यौहार में दिया जाता था।मोदी सरकार ने इस व्यवस्था पर भी डाका डालकर इसका दायरा सीमित करके सिर्फ अन्त्योदय कार्ड धारकों तक सीमित कर दिया।कुछ दिनों तक तो अन्त्योदय कार्ड धारकों को दो किलो प्रतिमाह मिली लेकिन पिछले कई महीनों से वह भी बंद कर दी गयी। अन्त्योदय योजना पर भी रोक लगाकर इसे नियन्त्रित कर दिया गया है और योजना का लाभ तभी तक मिलेगा जब तक अंत्योदय कार्ड धारक जीवित है।सरकार जिस तेजी के साथ गरीबों के हक को समाप्त कर रही है इससे गरीबों में भारी आक्रोश है और वह सरकार को गाँव गरीब विरोधी मानने के लिये मजबूर हो रही है ।सस्ते दाम पर मिल रहे किरोसिन तेल में कटौती करना उचित नहीं है।इसी तरह सस्ते मूल्य पर मिल रहा शकर पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाना जनहित में नहीं है।कालाबाजारी रोकना सरकार का काम होता है और कालाबाजारी रोकने के नाम पर योजना को बंद करना गाँव गरीबों के साथ अन्याय है।