नरेश गुप्ता/ आनंद तिवारी की रिपोर्ट
राम काज कीन्हे बिना मोह कहा विश्राम, भूपेंद्र भाई (पंड्या )
नैमिष मिश्रिख
श्री हनुमानगढ़ी के तत्वाधान मे व हनुमानगढ़ी के महंत बजरंग दास के सानिध्य मे नैमिषारण्य मे चल रही श्री मद्भागवत का के द्वितीय दिवस की पावन बेला मे राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संत श्री भूपेंद्र भाई पंड्या जी के अमृतमई वचनों से कथा रूपी वर्षा का रसपान करने का शुभवसर सभी भक्तो को प्राप्त हुआ, द्वितीय दिवस पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे, पूर्व सरकार के मंत्री अरविंद गोप जी पहुंचे नैमिषारण्य धाम, कथा पंडाल में पहुंचकर सर्वप्रथम व्यास जी का माल्यार्पण करके अभिनंदन किया, पंड्या जी ने बताया श्री मद्भागवत ये वो ग्रन्थ है जो इंसान को सीधा परमात्मा से मिलाता है, श्री मद्भागवत 5 हजार वर्षो पूर्व से अनवरत चला आ रहा दिव्य ग्रन्थ है, अगर श्रोता ओर वक्ता दोनों सात्विक हो तो,
यह श्री मद्भागवत महापुराण भगवान के परम धाम की प्राप्ति कराने वाला ग्रन्थ भी है, जिसके अंता करण में ठाकुर जी निवास करते हैं उसको संसार की माया नहीं घेरती, जिस सत्य की उपस्थिति में अन्य असत्य भी सत्य के समान हो जाएं वही परम सत्य परमात्मा है,नैमिषारण्य मे कथा सुनने से समस्त प्रकार के मनोरथ पूर्ण होते है, प्रातः कालीन 7:00 बजे से 9:00 बजे तक, व सायं 5:00 से 7:00 बजे तक श्री हनुमत महायज्ञ में भक्तों ने अवधिया प्रदान की, सायं कालीन बेला में नंदकिशोर शर्मा नंदू भैया जी के सुमधुर वचनों से श्याम बाबा के भजनों का आनंद प्राप्त हुआ, श्याम बाबा के गुणगान में भक्त भाव विभोर होकर नृत्य करने लगे,
परम पूजनीय माताजी श्रीमती स्नेहा अमृतानन्द जी ( भृगु शास्त्री होशियारपुर पंजाब) का भी आशीर्वाद प्राप्त हुआ, कथा मे साधु संत व दंडी स्वामियों का आशीर्वाद भी प्राप्त हुआ,